बहोत दिनोसे वंदनाभाभी बेचारी अकेली थी और वीजु उसे छुता भी तो उसे वह अपने पास नही आने देती..ना वो उसे अपने बगलमै सुलाती. उसे बल्लुके शरीरकी भुक और बल्लुकी ठोकनेकी अदा बेहद पसंद थी क्योकी बल्लु उसके नौकिले आम बेहद पसंत करता था और उसी जोशमे उसे ठोकता भी था.
एक दीन उसने अपना दिमाख लगाकर अपने वकिलको...