Recent content by Alshifa

  1. Alshifa

    यही है आज़माना तो सताना किसको कहते हैं, अदू के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तहां क्यों हो

    यही है आज़माना तो सताना किसको कहते हैं, अदू के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तहां क्यों हो
  2. Alshifa

    नीचे गिरे सूखे पत्तों पर अदब से चलना ज़रा कभी कड़ी धूप में तुमने इनसे ही पनाह माँगी थी।

    नीचे गिरे सूखे पत्तों पर अदब से चलना ज़रा कभी कड़ी धूप में तुमने इनसे ही पनाह माँगी थी।
  3. Alshifa

    आप पहलू में जो बैठें तो सँभल कर बैठें दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की

    आप पहलू में जो बैठें तो सँभल कर बैठें दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की
  4. Alshifa

    दिल को मिटा के दाग़-ए-तमन्ना दिया मुझे ऐ इश्क़ तेरी ख़ैर हो ये क्या दिया मुझे

    दिल को मिटा के दाग़-ए-तमन्ना दिया मुझे ऐ इश्क़ तेरी ख़ैर हो ये क्या दिया मुझे
  5. Alshifa

    आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है

    आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है
  6. Alshifa

    बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है

    बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है
  7. Alshifa

    उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए

    उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए
  8. Alshifa

    फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो

    फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो
  9. Alshifa

    तुझको इन नींद की तरसी हुई आंखों की कसम अपनी रातों को मेरी हिज्र में बरबाद न कर

    तुझको इन नींद की तरसी हुई आंखों की कसम अपनी रातों को मेरी हिज्र में बरबाद न कर
  10. Alshifa

    इश्क़ में जी को सब्र ओ ताब कहाँ उस से आँखें लड़ीं तो ख़्वाब कहाँ

    इश्क़ में जी को सब्र ओ ताब कहाँ उस से आँखें लड़ीं तो ख़्वाब कहाँ
  11. Alshifa

    नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए पंखुड़ी इक गुलाब की सी है

    नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए पंखुड़ी इक गुलाब की सी है
  12. Alshifa

    यही है आज़माना तो सताना किसको कहते हैं, अदू के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तहां क्यों हो

    यही है आज़माना तो सताना किसको कहते हैं, अदू के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तहां क्यों हो
  13. Alshifa

    तेरे रुखसार पर ढले हैं मेरी शाम के किस्से, खामोशी से माँगी हुई मोहब्बत की दुआ हो तुम

    तेरे रुखसार पर ढले हैं मेरी शाम के किस्से, खामोशी से माँगी हुई मोहब्बत की दुआ हो तुम
  14. Alshifa

    nahi ye sab mere nahi hai

    nahi ye sab mere nahi hai
  15. Alshifa

    मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूँ हारा

    मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूँ हारा
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