Sneha_Bhabhi
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सका लंड मेरी चूत के अंदर तक घुसे जा रहा था।
वह पूरी मस्ती में आकर मुझे चोदने लगा।
मेरी बुरी तरह हालत पतली होने लगी।
वो वाकई बड़ी अच्छी तरह चोद रहा था।
उसने मुझे हल्का-हल्का साँस लेने को बोला।
पर मैं दर्द में आह-उह ही कर रही थी।
उसने मुझे बोला, “आंटी, आपको मज़ा आ रहा है क्या?”
मैंने कहा, “साले, तू अपना काम शुरू रख! मुझे मज़े लेने दे!”
मैं भी बेशर्मी की हदों को पार करके उसे चूम-चाट रही थी।
वह भी पूरे जोश से मेरी चूत ले रहा था।
उसका स्टैमिना बहुत ही बढ़िया था।
वह बिना रुके मुझे अंदर तो घुसा-घुसा के चोद रहा था।
मैंने उसे किस किया तो बोलने लगा, “रुक जा! मुझे चूत पर ध्यान लगाने दे!”
वह पूरी मस्ती में आकर मुझे चोदने लगा।
मेरी बुरी तरह हालत पतली होने लगी।
वो वाकई बड़ी अच्छी तरह चोद रहा था।
उसने मुझे हल्का-हल्का साँस लेने को बोला।
पर मैं दर्द में आह-उह ही कर रही थी।
उसने मुझे बोला, “आंटी, आपको मज़ा आ रहा है क्या?”
मैंने कहा, “साले, तू अपना काम शुरू रख! मुझे मज़े लेने दे!”
मैं भी बेशर्मी की हदों को पार करके उसे चूम-चाट रही थी।
वह भी पूरे जोश से मेरी चूत ले रहा था।
उसका स्टैमिना बहुत ही बढ़िया था।
वह बिना रुके मुझे अंदर तो घुसा-घुसा के चोद रहा था।
मैंने उसे किस किया तो बोलने लगा, “रुक जा! मुझे चूत पर ध्यान लगाने दे!”